नर्सेस एसोसिएशन म.प्र. की जिला अध्यक्ष हर्षा सोलंकी, कार्यकारी अध्यक्ष कौशल्या सिंह, प्रदेश सचिव अंजू चौटर्जी, कोषाध्यक्ष रोजमेरी जॉन, संभागीय अध्यक्ष शारदा खिलवानी, शीला सेडरिक ने आज पत्रकार वार्ता में बताया कि कई वर्षों से नर्सेस की लंबित मांगों को लेकर नर्सस एसोसिएशन मध्य प्रदेश लगातार शासन व प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर रहा है। इसके बावजूद आज तक शासन द्वारा नर्सेस की मांगों पर आश्वासन के अलावा कभी उनके निराकरण के प्रयास नहीं किये। अब जबकि शासन, प्रशासन के साथ आम नागरिक भी इस बात को अच्छी तरह से मान चुके हैं कि कोरोना काल में नर्सेस ने पूर्ण सेवाभाव और समर्पण के साथ मरीजों की सेवा की, अपने घरों से दूर रहीं, अपने छोटे बच्चों को छोड़ा पर अपने कर्तव्य से विमुख नहीं हुई, उनकी इस कर्तव्य निष्ठा को देखते हुए शासन को उनकी मांगों पर विचार कर उनकी मांगों का निराकरण करना चाहिए। यह सरकार की नैतिक जिम्मेदारी बनती है।
नर्सेस एसोसिएशन की पदाधिकारियों ने इस मामले में आम लोगों से भी आग्रह किया है कि हमारी न्यायसंगत लड़ाई में साथ देकर हमारी बात को विभिन्न माध्यमों से शासन तक पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि नर्सेस एसोसिएशन मध्यप्रदेश नहीं चाहता की इस आपातकाल में हड़ताल जैसा या काम बंद करके आंदोलन करें, जिससे आमजन को परेशानी हो परंतु यदि शासन व प्रशासन ने हमारी मांगों को हमेशा की तरह नजर अंदाज किया तो हमें मजबूरन काम बंद कर हड़ताल पर जाने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। इसके लिए हम मध्य प्रदेश के आम और खास जन से बहुत ही विनम्र तरीके से हाथ जोड़कर माफी चाहते हैं तथा समस्त सामाजिक कार्यकर्ताओं से भी अनुरोध करते हैं कि हमारे हड़ताल में जाने से पहले वह हमारी मांगों को शासन तक जरूर पहुंचाएं। क्योंकि हमेशा ऐसा होता है कि हमारे हड़ताल पर जाते ही हमारे ऊपर कोर्ट के द्वारा दबाव बनाने की कोशिश की जाती है। हमारा सभी सामाजिक संगठनों से अनुरोध है हम नर्सेस बहनों और भाइयों का साथ दें एवं हमारी न्याय संगत मांगों को शासन तक पहुंचाए जैसे आप सभी (समाजिक संगठन) हमें हड़ताल पर जाने से रोकने के लिए हमारे ऊपर दबाव बनाते हैं वैसे ही हमारी न्याय संगत मांगों के निराकरण हेतु सरकार के समक्ष हमारा पक्ष रखें।