
भोपाल जेल में बंद 23 सिमी कैदियों ने कोरोना की वैक्सीन लगवाने से मना कर दिया है। ये सभी कैदी बेहद ही गंभीर मामलों की सजा काट रहे हैं, जिसमें सीरियल बम ब्लास्ट भी शामिल है। राज्य सरकार ने सभी जेलों में बंद कैदियों के वैक्सिनेशन का आदेश दिया है। सरकारी आदेश के बाद भोपाल जेल में बंद करीब 3,200 कैदियों में से करीब 98 फीसदी कैदियों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है. लेकिन इनमें से 28 सिमी के कैदी भी हैं। इनमें से सफदर नागौरी समेत कुल 5 सिमी कैदियों ने तो वैक्सीन लगवा ली लेकिन 23 सिमी कैदियों ने कोरोना की वैक्सीन लगवाने से इनकार कर दिया है।
भोपाल जेल के उप अधीक्षक प्रियदर्शन श्रीवास्तव ने बताया कि जेल में कैदियों के आपस में मिलना-जुलना ज्यादा होता है. जेल एक बाउंड्री है, जहां सीमित जगह में ही लोगों को रहना होता है. सजा काटते हुए लंबे समय तक इनका जीवन जेल में ही बीतता है। ऐसे में इनपर कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है। इसी को ध्यान में रखते हुए जेल में अप्रैल में 1278 और मई में 2219 कैदियों को वैक्सीन लगाई गई लेकिन इस दौरान सिमी के 23 कैदियों ने कोरोना वैक्सीन लगवाने से मना कर दिया है।
उन्होंने कहा, 'सफदर नागौरी समेत 5 सिमी कैदियों ने वैक्सीन लगवा ली है। बाकी सिमी कैदियों ने धार्मिक आधार पर वैक्सीन लगवाने से फिलहाल मना कर दिया है। उनकी लगातार काउंसलिंग की जा रही है। यहां तक कि जिन सिमी कैदियों ने कोरोना वैक्सीन लगवा ली है, उन्हें भी बाकी सिमी कैदियों को जागरूक करने के लिए कहा गया है। फिलहाल उन्होंने वैक्सीन लगवाने से मना कर दिया है।
जेल में कोरोना ना फैले इसके लिए वैक्सिनेशन जरूरी है। जेल विभाग ने सभी जेलों में 15 जुलाई तक 100 फीसदी वैक्सिनेशन का आदेश दिया हुआ है लेकिन सिमी कैदियों की यह जिद जारी रही तो भोपाल जेल इस मामले में पिछड़ जाएगी।