पटना। कुछ साल पहले यूपी में चाचा शिवपाल ने भतीजे अखिलेश यादव का नेतृत्व स्वीकार करने से इंकार करते हुए समाजवादी पार्टी से किनारा कर लिया था। ठीक वही पटकथा इन दिनों बिहार में लिखी जा रही है। यहां भी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अध्यक्ष चिराग पासवान को उनके चाचा ने भी झटका दे दिया है। इससे अब पार्टी का अस्तित्व संकट में दिखाई दे रहा है।
बिहार में लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) को एक और बड़ा झटका लगा है। पार्टी के छह में से पांच सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर सदन में अलग गुट के रूप में मान्यता देने का आग्रह किया है। माना जा रहा है कि ये सांसद सत्तारूढ़ जेडीयू में शामिल हो जाएंगे। इन पांचों सांसदों का नेतृत्व रामविलास पासवान के छोटे भाई और हाजीपुर के सांसद पशुपति नाथ पारस कर रहे हैं। पार्टी सांसदों का यह कदम लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान के लिए बड़ा झटका है। माना जा रहा है कि यह पूरा खेल बीजेपी और जदयू के बड़े नेताओं ने मिलकर खेला है। जिसमें वे पूरी तरह सफल भी हो रहे हैं।
इसके पहले भी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अध्यक्ष चिराग पासवान को एकबार फिर उस वक्त झटका लगा था जब उनकी पार्टी की बिहार विधान परिषद में एक मात्र सदस्या नूतन सिंह इसी साल फरवरी में भाजपा में शामिल हो गईं थी। उनके पति नीरज सिंह बबलू बिहार सरकार में पर्यावरण मंत्री और दिवंगत बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के चचेरे भाई हैं। जो कि सुपौल जिले के छतरपुर विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक हैं ।