नई दिल्ली। लोक जनशक्ति पार्टी में मचे घमासान के बाद अब चिराग पासवान पूरी तरह से बैकफुट पर आ चुके हैं। चिराग पासवान को संसदीय दल के नेता के साथ ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से भी हटा दिया गया है। चिराग के चाचा पशुपति कुमार पारस समर्थित नेताओं ने लोक जनशक्ति पार्टी संविधान का हवाला देते हुए चिराग को राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटाया है। चिराग तीन-तीन पदों पर एक साथ काबिज थे। 20 जून तक पशुपति कुमार पारस लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल लेंगे। दूसरी ओर चिराग पासवान ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। पटना में चिराग के समर्थकों ने चाचा पशुपति कुमार पारस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए हंगामा किया है। चिराग के समर्थकों ने पशुपति पारस समेत सभी 5 सांसदों और नीतीश कुमार की तस्वीरें जलाईं और उन पर कालिख भी पोत दिया है। चिराग समर्थकों ने आरोप लगाया है कि नीतीश कुमार ने लोजपा में टूट कराई है। उन्होंने पार्टी को तोड़ा है। रामविलास पासवान ने पशुपति पारस को विधायक, सांसद बनाया और उन्होंने उनके बेटे की पीठ में छुरा भोंका है। नारेबाजी के दौरान समर्थकों ने कहा कि अगर कोई नाराजगी थी तो चिराग से बात करनी चाहिए थी।
इस बैठक से पहले चिराग ने चाचा के नाम के नाम बेहद भावुक ट्वीट किया है। उन्होंने कहा कि पापा की मौत के बाद आपके व्यवहार से टूट गया हूं। मैं पार्टी और परिवार को साथ रखने में असफल रहा। चिराग एक पुराना पत्र भी ट्विटर पर शेयर किया है। उन्होंने लिखा है कि पापा की बनाई इस पार्टी और अपने परिवार को साथ रखने के लिए किए मैंने प्रयास किया लेकिन असफल रहा। पार्टी मां के समान है और मां के साथ धोखा नहीं करना चाहिए। लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि पार्टी में आस्था रखने वाले लोगों का मैं धन्यवाद देता हूं. एक पुराना पत्र साझा करता हूं।
चिराग में अनुभव की कमीलोजपा में हुए परिवर्तन को लेकर सांसद चैधरी महबूब अली कैसर ने कहा कि बिहार चुनाव में चिराग ने बड़ी गलती की है। उन्होंने एनडीए में रहते हुए जदयू के विरोध में काम किया। चिराग में अनुभव की कमी है, इसलिए हमने पशुपतिनाथ पारस का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि ललन सिंह के कहने पर पार्टी में टूट नहीं हुई है। हमारी मुलाकात ललन सिंह से वीणा सिंह के घर पर हुई थी। हम चाहते हैं चिराग पासवान हमारे साथ रहे।