भोपाल। मध्य प्रदेश मंडी बोर्ड के अधिकारी कर्मचारी की कोरोना से मौत होने पर 25 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा पर फिलहाल राज्य सरकार ने रोक लगा दी है। यह घोषणा किसी और ने नही बल्कि खुद कृषि मंत्री कमल पटेल की थी। मंत्री के ऐलान के बाद मंडी बोर्ड विभाग की एमडी प्रियंका दास ने 28 अप्रैल को आदेश भी जारी कर दिया। आदेश में मंडी बोर्ड के अधिकारी कर्मचारी की कोरोना से मौत होने पर एक मुश्त 25 लाख देने प्रावधान किया गया।
यह मुआवजा 1 अप्रैल से 31जुलाई 2021 के बीच मृत्यु होने पर मिलता। वही मुआवजे के लिये मृतक अधिकारी कर्मचारियों के परिजनों द्वारा आवेदन और दस्तावेज भी भेजे गए। लेकिन यह मुश्त रकम सेंक्शन होती। उससे पहले ही मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस ने सभी निगम मंडलों को ऐसे आदेश निकालने के पहले राज्य शासन से मंजूरी लेना जरूरी कर दिया है। इसके साथ ही इस आदेश की मंजूरी वित्त विभाग से भी लेनी पड़ेगी।
इस पूरे मामले में मंत्री कमल पटेल की घोषणा पर सी एस इकबाल सिंह बैस ने साफ कर दिया है कि इस तरह के आदेश पर राज्य शासन से मंजूरी लेना जरूरी है। वही घोषणा विवादों में घिरती देख और सी एस के आदेश के बाद मंडी बोर्ड की एम डी प्रियंका दास ने भी फिलहाल मुआवजे किं प्रक्रिया को होल्ड कर दिया है। अपनी घोषणा के बाद इस तरह की फजीहत सामने आने से मंत्री कमल पटेल ने कहा है कि शासन से अलग से मंजूरी लेने की जरूरत नही है । फिलहाल जो गफलत हुई है उसे जल्द सुधारा जाएगा।
गौरतलब है कि प्रदेश मंडी बोर्ड में इस समय करीबन 6500 अधिकारी कर्मचारी कार्यरत है और कोरोना की दूसरी लहर में पूरे प्रदेश में करीबन 42 अधिकारी कर्मचारी अपनी जान कोरोना से संक्रमित होने के बाद गवां चुके है। फिलहाल मंत्री की मुआवजे की घोषणा के बाद पीड़ित परिजनों ने कागजी कार्यवाही भी शुरू कर दी थी लेकिन अब इस आदेश में इस तरह के विवाद से उनकी भी उम्मीदे टूटी है।