दरअसल, 2017 में मुलायम सिंह यादव और अखिलेश के पारिवारिक विवाद के चलते चुनावी रैलियों में मदद के लिए डिंपल पति का साथ दे रही थीं। इसी दौरान इलाहाबाद में एक जनसभा में स्मृति सपा कार्यकताओं के नारे से इतनी परेशान हो गईं की उन्होंने मंच से अखिलेश यादव से शिकायत करने का ऐलान कर दिया था।
डिंपल ने इस जनसभा में कहा था कि, आप लोग चिल्लाते हैं तो उन्हें डर लगता है। इतना ही नहीं कार्यकताओं को अखिलेश यादव को नाम बताने तक की धमकी डिंपल ने दे डाली थी।
वहीं भाजपा नेत्री स्मृति इरानी ने इसी बात को यूपी में महिलाओं की सुरक्षा से जोड़ते हुए एक जनसभा में कह दिया था कि जब अखिलेश यादव की पत्नी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करतीं तो आम महिलाओं की स्थित कैसी होगी। इसका पलटवार करते हुए डिंपल ने कहा था कि स्मृति कलाकार हैं और वह जनसभाओं में डायलॉग बोलने में माहिर हैं।
इस बात से नाराज स्मृति ने डिंपल यादव को ओछी राजनीति करने वाला बता दिया था। स्मृति ने कहा था कि उनसे ऐसी उम्मीद नहीं थी, लेकिन वह ज्यादा कुछ डिंपल के लिए नहीं बोलना चाहती।
हालाकि सपा और भाजपा के बीच ये चुनावी आरोप- प्रत्यारोप का दंगल चुनाव के बाद शांत हो गया, लेकिन चुनाव के दौरान दोनों ओर से खूब जुमले भी फेंके गए थे।