बीजेपी के लिए खड़ी हो सकती है मुश्किल
ये प्रस्ताव बिहार में नीतीश की सहयोगी बीजेपी के लिए राजनीतिक रूप से परेशान करने वाले साबित हो सकते हैं। वहीं जदयू इन मुद्दों पर अपने रुख पर टिक गया है। 31 जुुलाई को दिल्ली में जदयू की कार्यकारिणी की बैठक के प्रस्ताव में कहा गया कि जाति आधारित जनगणना फौरन की जानी चाहिए। इस सिलसिले में जदयू सरकार पर दबाव बनाएगी। बताया गया है कि जल्द ही संसदीय दल के नेताओं का एक दल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेगा। जदयू नेता के सी त्यागी ने कहा कि इसके लिए पीएम से समय भी मांग लिया गया है। उधर केंद्र की मोदी सरकार जातीय जनगणना की संभावना से इनकार कर चुकी है।
रिपोर्ट में देरी पर भी नाराज
इसी प्रकार अति पिछड़ों की पहचान के लिए बने जस्टिस जी रोहिणी आयोग की रिपोर्ट में देरी पर भी जदयू ने नाराजगी दिखाई है। इस आयोग को 6 महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देनी थी, लेकिन अब तक इसे 10 बार सर्विस एक्सटेंशन यानि सेवा विस्तार दिया जा चुका है। जदयू ने मांग की है कि आयोग रिपोर्ट जल्द से जल्द सौंपे और उसे प्रकाशित करे जिससे अति पिछड़े तबकों को फायदा मिले।
जनसंख्या नियंत्रण कानून पर भी विरोध
लगे हाथ जदयू ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून का भी विरोध कर दिया है और इससे जुड़ा प्रस्ताव भी पारित किया है। हालांकि प्रस्ताव के दौरान ये भी कहा गया कि जनसंख्या पर नियंत्रण के उपाय होने चाहिए लेकिन इसके लिए जनजागरण और प्रोत्साहन की आवश्यकता है न कि कानून बनाने की। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों की बीजेपी सरकारें जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बनाने का ऐलान कर चुकी हैं। लेकिन बिहार में बीजेपी के साथ सरकार चला रही जदयू ने बिल्कुल उल्टी चाल चल दी है।
यूपी चुनाव में सीट बंटवारे की मांग
वहीं नीतीश की जदयू ने कहा है कि बिहार से बाहर भी एनडीए को बढ़ाना चाहिए। जदयू ने यूपी चुनाव में बीजेपी से सीट बंटवारे की मांग कर दी है। 'अगर ऐसा नहीं होता है तो जदयू ने उत्तर प्रदेश में करीब 200 ऐसी सीटों की पहचान कर ली है जहां वो अपने कैंडिडेट खड़े कर सकता है।' इस बात को ऐसे समझिए कि अगर बीजेपी यूपी में जदयू के साथ सीट बंटवारा नहीं करती है तो वो अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतार देगा।
वहीं नीतीश की जदयू ने कहा है कि बिहार से बाहर भी एनडीए को बढ़ाना चाहिए। जदयू ने यूपी चुनाव में बीजेपी से सीट बंटवारे की मांग कर दी है। 'अगर ऐसा नहीं होता है तो जदयू ने उत्तर प्रदेश में करीब 200 ऐसी सीटों की पहचान कर ली है जहां वो अपने कैंडिडेट खड़े कर सकता है।' इस बात को ऐसे समझिए कि अगर बीजेपी यूपी में जदयू के साथ सीट बंटवारा नहीं करती है तो वो अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतार देगा।