यह है पूरा मामला
सूत्रों के अनुसार, बीजेपी सांसद धर्मेंद्र कश्यप शनिवार को करीब शाम 6 बजे के आस-पास मंदिर में भगवान भोले नाथ के दर्शन के लिए पहुंचे। वहां उन्हें कपाट बंद होने की तैयारियां होती दिखीं। जो उन्हें अच्छा नहीं लगा और उन्होंने अपने सांसद के पद का घमंड दिखाते हुए कपाट खोलने की बात कहने लगे. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जागेश्वर धाम के कपाट संध्याकालीन आरती के बाद रोज शाम छह बजे बंद कर दिए जाते हैं और फिर अगले दिन सुबह ही खुलते हैं। प्रबंधन विभाग के लोगों ने जब उन्हें ये बात बताते हुए कपाट खोलने से मना किया, तो वो प्रबंधन विभाग के लोगों से भिड़ गए और गालीगलौज भी करने लगे।
मामला जब ज्यादा बढ़ा, तो बात धक्का-मुक्की तक पहुंच गई और मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई। वहां उपस्थित लोगों ने सांसद के बर्ताव का विरोध करना शुरू कर दिया तो सांसद धर्मेंद्र कश्यप मौके की नज़ाकत को समझते हुए चुपचाप वहां से निकल गए। मंदिर समिति के प्रबंधक भगवान भट्ट और स्टाफ ने इसकी जानकारी भनोली की एसडीएम मोनिका को दी। एसडीएम ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है जिसका ब्योरा मंगाया जा रहा है। डीएम नितिन सिंह भदौरिया को भी अवगत करा दिया गया है।
यह कहना है सांसद कश्यप का
इस मामले में सांसद का तो कोई बयान सामने नहीं आया, लेकिन उनके मीडिया प्रभारी राहुल कश्यप का कहना है कि सांसद जागेश्वर धाम में दर्शन करने गए थे. वहां भक्तों से दर्शन कराने के लिए एक हजार रुपये की वसूली हो रही थी। सांसद से भी पैसे मांगे गए तो उन्होंने मना कर दिया और दर्शन करने आगे बढ़ गए। मंदिर प्रबंधक ने इस बात पर गाली देना शुरू कर दिया। प्रबंधक के इस रवैये का ही सांसद ने जवाब देने की कोशिश की।