भोपाल। अवैध शराब बेचने वालों को आजीवन कारावास और मृत्युदंड जैसे कड़े दंड तक का प्रावधान करने का निर्णय मप्र सरकार की कैबिनेट द्वारा लिया गया है। सीएम शिवराज सिंह चैहान की अध्यक्षता में आज मंगलवार को संपन्न कैबिनेट बैठक में और भी कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं।
आबकारी नियमों में किए गए संशोधन के तहत अब हेरिटेज मदिरा नाम की एक नई श्रेणी जोड़ी गई है। जिसके तहत अवैध शराब पाए जाने पर आजीवन कारावास और मृत्युदंड का प्रावधान किया जा सकेगा। उसके साथ ही शराब की अलग-अलग श्रेणियों पाए जाने पर अलग-अलग सजा देने का भी प्रावधान है। इसके साथ ही शराब पकड़ने गए अमले पर हमला करने पर भी बिना वारंट की गिरफ्तारी आरोपियों की की जा सकेगी। यह जानकारी मध्य प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने दी।
इन प्रस्तावों को मिली मंजूरी
👉 आबकारी एक्ट में संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी। शराब से मौत होने पर आरोपी को अब उम्र कैद। जहरीली शराब से मौत होने जैसे गंभीर मामलों में मौत की सजा का प्रावधान। शराब में मिलावट होने पर भी मौत की भी सजा का प्रावधान। अवैध शराब पकड़ने के दौरान यदि किसी ने बाधा डाली तो बिना वारंट के गिरफ्तारी का अधिकार आबकारी अफसरों को होगा।
👉 प्रदेश में अवैध शराब व्यापार के खिलाफ सख्त कानून पास। सरकार द्वारा अब विधानसभा के मानसून सत्र में विधेयक होगा पेश। इस कानून के जरिए अपराधियों कठोर सजा दिया जाएगा।
👉 वाणिज्यिक कर विभाग के आबकारी अधिनियम (संशोधित) 2021 को मंजूरी । शराब की हैरिटेज श्रेणी को जोड़ा। इस संशोधन अधिनियम में शराब से मौत होने पर आरोपी को उम्र कैद की सजा का प्रावधान। गंभीर मामले सामने आते हैं तो आरोपी को मौत की सजा देने का प्रावधान। अभी 5 से 10 साल तक की सजा होती है। इसी तरह अधिकतम 10 लाख रुपए तक के जुर्माने को 20 लाख किया गया है।
👉 अवैघ शराब की बिक्री को रोकने पर भी सख्त सजा। अभी तक 2 से 6 माह तक की सजा का को बढ़ाकर 6 साल किया गया है। शराब से शारीरिक नुकसान होने के मामले में आरोपी को 4 माह से 4 साल तक की सजा को बढ़ाकर 6 साल से 8 साल तक ।अब इस विधेयक को मानसून सत्र के दौरान विधानसभा में पारित कराकर लागू किया जाएगा।
👉 दूसरे राज्यों से आ रही अवैध शराब की रोकथाम के लिए संबंधित राज्यों से मध्यप्रदेश सरकार बात करेगी। डिस्टलरी नियम के खिलाफ काम करेगी तो उस पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
प्रदेश में लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्योगों (डैडम्) के निवेश का दायरा बढ़ाने के प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी।
👉 एमएसएमई के लिए निवेश सीमा बढ़ाकर 50 करोड़ रुपए किया जा रहा है। वर्तमान में केवल 10 करोड़ के निवेश वाले उद्योग ही इस दायरे में आते हैं।
👉 अब 50 करोड़ के प्लांट व 250 करोड़ का कारोबार करने वाले उद्योग को एमएसएमई की श्रेणी में रखने का फैसला किया गया है।
👉 डायल 100 की सेवाएं 2025 से बढ़ाकर 2027 तक बढ़ाया गया।
👉 बीना रिफाइनरी के सहयोग से बीना में अस्थायी कोविड अस्पताल का संचालन।
👉 सिंगरौली में नया आईटीआई खोले जाने के प्रस्ताव की स्वीकृति।