रिपोर्ट के अनुसार, 'भाजपा द्वारा घोषित चंदे की राशि, कांग्रेस, राकांपा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और तृणमूल द्वारा घोषित चंदे की कुल राशि से तीन गुना (228.03 करोड़ रुपये के मुकाबले 785.77 करोड़ रुपये) से भी अधिक है।'
एडीआर की रिपोर्ट में राष्ट्रीय स्तर के राजनीतिक दलों द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान चंदे के रूप में प्राप्त 20 हजार रुपये से अधिक की राशि पर गौर किया गया है। इस राशि के बारे में पार्टियों ने खुद ही चुनाव आयोग को जानकारी दी है।
एडीआर के मुताबिक, 'भाजपा ने अमरावती नगर निगम से 4.80 लाख रुपये चंदा मिलने की घोषणा की है। हालांकि, इस राशि के बारे में पार्टी ने पता, बैंक का नाम, पैन (स्थायी खाता संख्या) सहित अन्य विवरण उपलब्ध नहीं कराया है, लेकिन इंटरनेट पर खोजने से यह पता चला कि उक्त दानदाता महाराष्ट्र का एक स्थानीय निकाय है (जैसा कि उनकी बेवसाइट पर उल्लिखित है)। यह नगर निगम द्वारा चंदा देने की वैधानिकता पर सवाल खड़े करता है, जो एक शासकीय इकाई है (जिसके महापौर और उप महापौर भाजपा से हैं) और जिस पर एक राजनीतिक दल का शासन है।'
रिपोर्ट के मुताबिक, 'भाजपा ने 570 दानदाताओं से कुल 149.875 करोड़ रुपये, तृणमूल कांग्रेस ने 52 दानदाताओं से 7.1035 करोड़ रुपये, कांग्रेस ने 25 दानदाताओं से 2.6875 करोड़ रुपये और राकांपा ने दो दानदाताओं से 3.005 करोड़ रुपये चंदा मिलने की बात कही है, लेकिन उसका जरिया नहीं बताया है। बगैर पूर्ण विवरण मिले चंदे के स्त्रोत का पता लगाना मुश्किल होगा।'
रिपोर्ट में कहा गया है कि माकपा और भाकपा ने क्रमश: 1.0786 करोड़ रुपये व 52.17 लाख रुपये के चंदे के बारे में चेक नंबर, डिमांड ड्राफ्ट, इन्हें भुनाने की तारीख व जिस बैंक में भुनाया गया उसके ब्योरे की घोषणा नहीं की है।