नई दिल्ली। निदा फाजली का एक शेर है कि कभी किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता, कहीं जमीं तो कहीं आसमां नहीं मिलता। ऐसा ही कुछ टोक्यो में जारी ओलिंपिक खेलों में भारतीय महिला हॉकी टीम के साथ भी हुआ है। भारतीय महिला टीम पहले गोल्ड और सिल्वर मेडल से चूक गई और फिर शुक्रवार को ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ कांस्य पदक की लड़ाई में भी हार गई। बावजूद इसके भारत को काफी कुछ मिल गया है।
दरअसल, ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ टोक्यो के ओआइ स्टेडियम के नोर्थ पिच पर भारतीय महिला टीम कांस्य पदक की लड़ाई में उतरी। पहली बार ऐसा था, जब भारतीय महिला टीम ओलिंपिक में किसी पदक के लिए लड़ रही थी, क्योंकि 1980 के बाद ये तीसरा मौका था, जब भारतीय महिला हॉकी टीम ने ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई किया। पिछली बार रियो ओलिंपिक में भारत का सफर बेहद निराशाजनक रहा था, लेकिन टोक्यो में भारत ने अच्छा प्रदर्शन किया।
भारतीय महिला टीम ने ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ 4-3 से मात झेली और टीम टोक्यो ओलिंपिक की प्वाइंट्स टेबल में चौथे स्थान पर रही। जैसा का निदा फाजली का शेर है, उसी तरह भारतीय महिला टीम को पदक तो नहीं मिला, लेकिन मान-सम्मान, विश्व रैंकिंग में छठे नंबर की टीम होने का दर्जा और देशवासियों का प्यार जरूर मिला। भारतीय महिला टीम शुरुआत में जरूर लड़खड़ाई, लेकिन इसके बाद टूर्नामेंट में कभी ऐसा नहीं लगा कि भारत को एकतरफा हार मिली हो।
रोमांचक था कांस्य पदक का मुकाबला
बात अगर कांस्य पदक के मुकाबले की करें तो भारत के सामने वो टीम थी, जो रियो ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीत चुकी थी। हालांकि, भारत ने अपने शानदार खेल से ग्रेट ब्रिटेन की टीम को लगभग परास्त कर दिया था, लेकिन आखिरी के क्वार्टर में टीम से कांस्य पदक छिन गया। ग्रेट ब्रिटेन ने 4-3 से जीत दर्ज कर टोक्यो ओलिंपिक में कांस्य पदक अपने नाम किया और भारतीय महिला टीम अपने पहले पदक से महज 1 गोल के अंतर से दूर रह गई।
आपको बता दें, कांस्य पदक के लिए हुई इस लड़ाई में पहले क्वार्टर में दोनों टीमें गोल नहीं कर पाई थीं, लेकिन दूसरे क्वार्टर की शुरुआत में इंग्लैंड की महिला टीम ने गोल दागा। इसी क्वार्टर में दूसरा गोल भी ब्रिटेन की टीम ने दागा। हालांकि, इी क्वार्टर में दो गोल भारत की तरफ से भी आए, जब गुरजीत कौर ने दो पेनाल्टी कार्नर से गोल दागे। दूसरे क्वार्टर के आखिरी में वंदना कटारिया ने भी गोल किया और भारत की बढ़त को 3-2 कर दिया।
हाफ टाइम तक भारत 3-2 से आगे था, लेकिन इसके बाद भारत आगे नहीं निकल सका। मैच के तीसरे क्वार्टर की शुरुआत में ग्रेट ब्रिटेन ने तीसरा गोल दागा और मैच फिर से बराबरी पर आ खड़ा हुआ। इंग्लैंड के लिए कप्तान वेब हॉली ने गोल किया। इस तरह तीसरे क्वार्टर में ग्रेट ब्रिटेन ने 3-3 की बराबरी पर मुकाबला छोड़ा। मैच का चौथा और आखिरी क्वार्टर खास और रोमांचक रहा, जिसमें ग्रेट ब्रिटेन की ओर से ग्रेस बैल्सन ने पेनाल्टी कार्नर के जरिए गोल दागा, जो निर्णायक साबित हुआ और इस तरह ग्रेट ब्रिटेन ने 4-3 की जीत हासिल की।