नकली रेमडेसिविर केस में चार्जशीट पेश: 11 आरोपियों पर गैर इरादतन हत्या का चलेगा केस, 190 गवाह बनाए - Khabri Guru

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नकली रेमडेसिविर केस में चार्जशीट पेश: 11 आरोपियों पर गैर इरादतन हत्या का चलेगा केस, 190 गवाह बनाए



चार्जशीट में इनको बनाया है आरोपी

जबलपुर। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में एसआइटी ने चार्जशीट पेश कर दी है। चार्जशीट में सरबजीत मोखा समेत 11 लोगों को आरोपी बनाया गया है। मामले में गैरइरादतन हत्या की धारा 304 भी बढ़ाई गई है। 1311 पन्ने की चार्जशीट, 190 गवाह और 100 से अधिक जब्ती को 07 कार्टन में भरकर पेश किया गया। 13 अगस्त को मामले में पहली सुनवाई होगी।

नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले की जांच कर रही एसआइटी ने शुक्रवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम अनुजा श्रीवास्तव की कोर्ट में चार्जशीट पेश की। इसके बाद इस चार्जशीट को जिला न्यायाधीश की कोर्ट में पेश किया जाएगा। यहां 13 अगस्त को आरोपियों की पहली पेशी होगी।

सरबजीत सिंह मोखा मुख्य आरोपी
चार्जशीट में सिटी अस्पताल के डायरेक्टर सरबजीत मोखा को मुख्य आरोपी बनाया गया है। उसके कहने पर इंजेक्शन खरीदने से लेकर अस्पताल में लगवाने, पोल खुलने पर उसे नष्ट कराने और बचने के लिए कम्प्यूटर बिल में हेरफेर करने के प्रमाण पेश किए गए हैं। इसके अलावा उसकी पत्नी जसमीत कौर, बेटा हरकरण मोखा, मैनेजर सोनिया खत्री, दवा कर्मी देवेश चौरसिया, इंजेक्शन खरीदने वाला सपन जैन, इंदौर में MR राकेश शर्मा, दलाल इंदौर निवासी सुनील मिश्रा, नकली इंजेक्शन बनाने वाले फार्मा के एमडी कौशल वोरा व पुनीत शाह, इंजेक्शर का रैपर तैयार करने वाला गुजरात निवासी नागेश उर्फ नागूजी आरोपी हैं।


चार आरोपी गुजरात की जेल में हैं बंद।

फारेंसिक रिपोर्ट पर 304 की धारा बढ़ाई
एसआइटी ने मामले में धारा 308 पहले ही बढ़ा दी थी। गुजरात पुलिस ने इंजेक्शन के पाउडर की जांच कराई थी। इसमें नमक व ग्लूकोज की पुष्टि हुई थी। इस रिपोर्ट और रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने वाली mylan कंपनी की रिपोर्ट के आधार पर मेडिकल कॉलेज के फारेंसिक विभाग के HOD डॉक्टर विवेक श्रीवास्तव ने रिपोर्ट दी थी कि इस इंजेक्शन के लगाने से BP और शुगर के पेशेंट की जान जा सकती है। इसके बाद चालान पेश करने से पहले प्रकरण में गैर इरादतन हत्या की धारा 304 भी बढ़ाई गई है।



चार्जशीट में लगाई गईं धाराएं
धारा-274 व 275- नकली दवाओं का उत्पादन करना।
308- जानबूझकर जीवन को संकट में डालना।
420, 467, 471, 468-मरीजों के साथ धोखाधड़ी, विश्वासघात और इलाज के फर्जी व कूटरचित बिल तैयार करना।
201-सबूतों को नष्ट करना।
120बी-साजिश रचना।
53 आपदा प्रबंधन अधिनियम- ऐसा कृत्य करना जो आपदा फैला सकती है।
3 महामारी अधिनियम- महामारी में लाभ के उद्देश्य से कृत करना।
5/13 ड्रग कंट्रोल एक्ट-सरकार द्वारा नियंत्रित दवाओं को गलत तरीके खरीदना-बेचना।
65 आईटी एक्ट-कम्प्यूटर से संबंधित दस्तावेजों में छेड़छाड़ करना।

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