रेलवे ने कोरोना के नाम पर वरिष्ठ नागरिकों, युद्ध में जान गंवाने वाले सैनिकों की विधवा, खिलाड़ियों, किसानों, पत्रकारों, युवाओं आदि की छूट वापस ले ली
नई दिल्ली। रेल यात्रा में वरिष्ठ नागरिकों, युद्ध में जान गंवाने वाले सैनिकों की विधवा, खिलाड़ियों, किसानों, पत्रकारों, युवाओं आदि को बरसों से छूट मिल रही थी। लेकिन कोरोना के नाम पर रेलवे ने यह छूट वापस ले ली। अब रेल मंत्री ने बताया है कि इन लोगों को किराये में कब से छूट मिलेगी।वरिष्ठ नागरिकों को कब मिलेगी किराए में छूट?
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को संसद में बताया कि टिकट किराए में कुछ श्रेणियों के लोगों को दी जाने वाली छूट या रियायतों को बहाल करने का अभी कोई प्रस्ताव नहीं है। राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में वैष्णव ने कहा कि कोविड के मद्देनजर सभी श्रेणियों के यात्रियों के लिए दी जाने वाली रियायत वापस ले ली गई है। उन्होंने कहा कि फिलहाल रियायतों को बहाल करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
कब ली गई थी छूट वापस?
कोरोना महामारी के भारत में विकराल रूप धारण करने से पहले ही, मार्च के अंतिम सप्ताह में देश भर में लॉकडाउन लगाया गया था। इससे ठीक पहले, मतलब 20 मार्च, 2020 से अगले आदेश तक के लिए छूट वापस ले ली गई थी। हालांकि दिव्यांगजनों की चार श्रेणियों, रोगियों और छात्रों की 11 श्रेणियों को अभी भी छूट मिल रही है। लेकिन इसके बारे में भी अधिकतर लोगों को पता नहीं है।
सीनियर सिटीजन को कितनी मिलती थी छूट?
इंडियन रेलवे के सभी ट्रेनों में सीनियर सिटीजन को टिकटों पर 50 फीसदी तक की छूट मिला करती थी। 60 वर्ष की उम्र पूरी कर चुके पुरूषों और 58 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को रेलवे सीनियर सिटीजन के रूप में परिभाषित करता है। कोरोना काल से पहले तक राजधानी, शताब्दी, दूरंतो समेत सभी मेल एक्सप्रेस ट्रेनों में पुरूषों को बेस फेयर में 40 फीसदी जबकि महिलाओं को बेस फेयर में 50 फीसदी की छूट दी जाती थी।
युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की विधवाओं को मिलती थी छूट?
सिर्फ युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की विधवाओं को ही नहीं बल्कि आतंकवादियों और उग्रवादियों के विरुद्ध कार्रवाई में शहीद हुए पुलिस कर्मियों और अर्द्धसेना कार्मिकों की विधवाओं, आतंकवादियों और उग्रवादियों के विरुद्ध कार्रवाई में शहीद हुए पुलिस कर्मियों और अर्द्धसेना कार्मिकों की विधवाओ, श्रीलंका में कार्रवाई के दौरान शहीद हुए आईपीकेएफ कार्मिकों की विधवाओं, आतंकवादियों और उग्रवादियों के विरुद्ध कार्रवाई में मारे गए सैन्य कार्मिकों की विधवाओं और 1999 में कारगिल में ऑपरेशन विजय के शहीदों की विधवाओं को सैकेंड क्लास और शयनयान श्रेणी में 75 फीसदी की छूट मिलती थी। यह भी अभी नहीं मिल रही है।
किसानों के लिए छूट का क्या प्रावधान है?
कृषि/औद्योगिक प्रदर्शनियों में जाने के लिए किसान और औद्योगिक श्रमिक को सैकेंड क्लास और शयनयान श्रेणी में 25 फीसदी, सरकार द्वारा प्रायोजित विशेष गाड़ियों में यात्रा करने वाले किसानों को सैकेंड क्लास और शयनयान श्रेणी में 33 फीसदी, बेहतर फार्मिंग/डेयरी अध्ययन/ प्रशिक्षण के लिए राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों का दौरा करने के लिए किसान एवं दुग्ध उत्पादकों को सैकेंड क्लास और शयनयान श्रेणी में 50 फीसदी की छूट मिलती थी।
युवाओं की श्रेणी में किन्हें छूट मिलती थी?
राष्ट्रीय युवा परियोजना, मानव उत्थान सेवा समिति के शिविर में हिस्सा लेने के लिए जाने वाले युवाओं को सैकेंड क्लास और शयनयान श्रेणी में 50 फीसदी, सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरी में इंटरव्यू के लिए जाने वाले बेरोजगार युवाओं को सैकेंड क्लास और शयनयान श्रेणी में 50 फीसदी की छूट मिलती थी। इसके अलावा स्काउटिंग ड्यूटी के लिए भारत स्काउट एवं गाइड्स के युवाओं को सैकेंड क्लास और शयनयान श्रेणी में 50 फीसदी की छूट मिलती थी।