हरियाली तीज : महिलाओं का अखण्ड सौभाग्य की कामना का दिन - Khabri Guru

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हरियाली तीज : महिलाओं का अखण्ड सौभाग्य की कामना का दिन


हरियाली तीज सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। यह व्रत मुख्यत: नाग पंचमी से दो दिन पूर्व आता है। सुहागन महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए और कुंवारी युवतियां अपने मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए हरियाली तीज का व्रत रखती हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस तिथि को ही भगवान शिव और माता पार्वती का दोबारा मिलन हुआ था, इसलिए हरियाली तीज का महत्व अत्यधिक है। इस दिन व्रती व्रत रखती हैं और माता पार्वती की आराधना भगवान शिव और गणेश जी के सा​थ करती हैं। इस दिन महिलाएं विशेष तौर पर हरी साड़ी, हरे रंग की चूड़ी और सोलह श्रृंगार करती हैं। इस दिन कई स्थानों पर युवतियां झूले भी झूलती हैं।

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया ति​थि का प्रारंभ 10 अगस्त दिन मंगलवार को शाम को हो रहा है। इस तिथि का समापन 11 अगस्त दिन बुधवार को है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, व्रत के लिए उदया तिथि 11 अगस्त को प्राप्त हो रही है, ऐसे में इस वर्ष हरियाली तीज का व्रत 11 अगस्त को रखा जाएगा और उसी दिन माता पार्वती, भगवान शिव और गणेश जी की विधि विधान से पूजा की जाएगी। इसके अलावा मंदिरों में भगवान के लिए झूले भी डाले जाते हैं। जिनमे भगवान श्री राधा कृष्ण को विराजमान करके उन्हें झुलाया जाता है। 

शिव योग में हरियाली तीज
इस वर्ष हरियाली तीज शिव योग में पड़ रही है। इस योग की अधिकतर कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त में गणना होती है, इसलिए यह शुभ है। हरियाली तीज के दिन 11 अगस्त को शिव योग शाम 07 बजकर 58 मिनट तक है। इसके बाद से सिद्ध योग प्रारंभ हो जाएगा।

हरियाली तीज पर रवि योग
इस वर्ष हरियाली तीज पर रवि योग भी बन रहा है। 11 अगस्त को दिन में 11 बजकर 02 मिनट से अगले दिन 12 अगस्त को प्रात: 06 बजकर 04 मिनट तक रवि योग है। रवि योग सभी नकारात्मकता को दूर करने वाला और अनिष्ट शक्तियों को नष्ट करने वाला होता है।

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