डेंगू के लार्वा की जांच करती टीम।
मौसम के उतार-चढ़ाव के चलते तेजी से मच्छराें का प्रकोप फैल रहा है। इसी के साथ डेंगू के प्रकरण भी तेजी से सामने आने लगे हैं। गुरुवार को 6 मामले सामने आए थे। हालत ये है कि कोविड के बाद खाली हुए शासकीय और निजी अस्पतालों के बेड़ डेंगू सहित मौसमी बीमारियों के चलते चुके हैं।
डेंगू के खतरे का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जनवरी से जून तक डेंगू के सिर्फ 6 प्रकरण सामने आए थे। पर पिछले 25 दिनों में ये आंकड़ा 104 पर पहुंच गया है। राेज दो से तीन केस डेंगू के सामने आ रहे हैं। राहत की बात ये है कि अभी मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या कम है। डेंगू की तरह ये दोनों बीमारियां भी मच्छर जनित है।
लापरवाही के चलते लोग घरों में पाल रहे डेंगू के लार्वा।
डेंगू एंटीजन एनएस-1 की जांच शुरू
जिला मलेरिया विभाग ने डेंगू पर प्रभावी रोकिथाम के लिए बुखार से पीड़ित हर मरीज की डेंगू एंटीजन एनएस-1 जांच शुरू की है। ये सुविधा जिला मलेरिया लैब में की गई है। इस जांच से डेंगू के मरीजों का पता लगाना आसान है। शहर में रांझी, दमोहनाका, लालमाटी व सिंधी कैंप में डेंगू के सर्वाधिक मरीज सामने आ रहे हैं। बुखार पीड़ित मरीजों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है। हैरानी की बात ये है कि कई मरीजों की पैथालाजी जांच रिपोर्ट में खून में प्लेटलेट की मात्रा कम मिल रही है, लेकिन उनमें डेंगू की रिपोर्ट निगेटिव आ रही है। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. आरके पहारिया के मुताबिक एनएस-1 जांच डेंगू से संबंधित लक्षण मिलने के पांच दिन के भीतर किया जाता है। जिससे शुरूआती दौर में ही डेंगू की पहचान कर इलाज किया जा सके।