-डॉ. संजय जैन पर सीएस की मेहरबानी को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्माया
-विकलांगता प्रमाण पत्र बनाने के एवज में मांगी थी पांच हजार की घूस
जबलपुर। जिला अस्पताल विक्टोरिया में पदस्थ डॉक्टर संजय जैन पर दिव्यांगों के विकलांगता प्रमाण पत्र के बदले पांच हजार रिश्वत मांगने के आरोप का प्रकरण अभी जांच में है। लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने सारे नियम कायदों को ठेंगा दिखाते हुए फिर एक बार डॉक्टर जैन को एक्सीडेंट संबंधी क्लेम नि: शक्तता प्रमाण पत्र कमेटी में शामिल कर दिया है। सिविल सर्जन डॉक्टर राजकुमार चौधरी के हस्ताक्षर से जारी उक्त आदेश को लेकर स्वास्थ्य विभाग में तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्मा गया है।सीएस-आरएमओं के हस्ताक्षर से जारी आदेश
विभागीय सूत्रों ने बताया कि सिविल सर्जन डॉक्टर राजकुमार चौधरी ने बुधवार 11 अगस्त को एक आदेश जारी किया है। इस आदेश के क्रम में विकलांगता प्रमाण पत्र के लिए दो कमेटी बनाई गई। जिला अस्पताल में मंगलवार और शुक्रवार को विकलांगता प्रमाण पत्र बनाया जाता है। मंगलवार को जहां डॉक्टर एसएएस ठाकुर और डॉक्टन नवीन कोठारी विकलांग प्रमाण पत्र बनाने वाली कमेटी में शामिल किए गए हैं। वहीं शुक्रवार को डॉक्टर एसएस ठाकुर और डॉक्टर संजय जैन शुक्रवार को क्लेम केस से संबंधी नि:शक्तता प्रमाण पत्र बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
उच्च अधिकारियों तक को नहीं दी जानकारी
विभागीय सूत्रों ने बताया कि आदेश जारी करने की जानकारी सीएस डॉ. चौधरी ने उच्च अधिकारियों को भी देना मुनासिब नहीं समझा। सीएमएचओ डॉ. रत्नेश कुररिया को जब पता चला तो वह भी चकरा गए। आनन फानन में उन्होंने तत्काल सीएस को पत्राचार करते हुए जवाब मांगा है। वहीं इस आदेश को लेकर विभागीय तौर पर कानाफुसी शुरु हो गई है। चर्चा है कि विभाग में हाल ही में उच्च पद पर नियुक्त हुए एक डॉक्टर शुरुआत से आरोपित डॉ. जैन की तरफदारी में लगे है और जारी आदेश में उनकी भूमिका भी संलिप्त है।
ये था मामला
गौरतलब है कि उखरी निवासी पत्रकार सत्यजीत यादव अपने भाई अभिजीत यादव का विकलांगता प्रमाण पत्र बनवाने व्हील चेयर पर लेकर 15 जून को विक्टोरिया गए थे। वहां विकलांग मेडिकल बोर्ड में शामिल आरएमओ डॉ. संजय जैन ने दलाल के माध्यम से पांच हजार की मांग की। इसके बाद ही विकलांग सर्टिफिकेट बनाने की बात कही गई। पैसे नहीं देने पर एक महीने बाद प्रमाण पत्र बनने का हवाला देकर चलता कर दिया था। इस मामले में कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने जांच के निर्देश दिए थे। इसी प्रकरण में पांच जुलाई को आयुक्त नि:शक्तजन संदीप रजक ने भी कलेक्टर को पत्र भेजकर मजिस्ट्रियल जांच कराते हुए 15 दिवस के अंदर रिपोर्ट मांगी थी। अभी ये जांच भी नहीं पूरी हो पाई है कि डॉक्टर संजय जैन को फिर से अहम जिम्मेदारी सौंप दी गई।
इनका कहना है
अगर ऐसा हुआ है तो यह गलत है। मुझे जानकारी नहीं है सीएमएचओ से बात करने के बाद ही कुछ बोलना मुनासिब होगा।
-कर्मवीर शर्मा, कलेक्टर
कलेक्टर साहब से मुझे इसकी जानकारी मिली है। इस संबंध में सिविल सर्जन से जवाब मांगा गया है। जवाब आने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
-डॉक्टर रत्नेश कुररिया, सीएमएचओ