पूर्णायु आयुर्वेद चिकित्सालय एवं अनुसंधान विद्यापीठ में विलुप्त हो रही आयुर्वेदिक चिकित्सा विज्ञान, प्राकृतिक चिकित्सा ,योग को पुनर्स्थापित किए जाएंगे, 20 एकड़ क्षेत्र में 800 स्तरों का यह आयुर्वेद विद्या पीठ स्थापित किया जाएगा। इसके साथ ही 100 बालकों के लिए एवं 100 बालिकाओं के लिए प्रथक प्रथक गुरुकुल पद्धति से चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना की जा रही है। इस केंद्र में केरलीय पंचकर्म की सुविधा उपलब्ध होगी। 800बिस्तरों के इस वृहद पूर्णायु चिकित्सा केंद्र में 300 बिस्तर गरीब एवं असहाय रोगियों के लिए आरक्षित रखे जा रहे हैं। दुर्लभ एवं अप्राप्त जड़ी बूटियों का उत्पादन संजीवनी वाटिका में किया जाएगा आयुर्वेद की विलुप्त हो रही अनेकों पद्धतियों को अनुसंधान केंद्र में पुनः स्थापित किया जाएगा । एमडी एवं पीएचडी के लिए सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी, भविष्य में यह केंद्र देश का सबसे बड़ा आयुर्वेद चिकित्सालय एवं अनुसंधान केंद्र के रूप में जबलपुर को प्राप्त होगा। आज आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के सानिध्य में इसका शिलान्यास किया जा रहा है । आगामी 2 वर्षों में यह विद्यापीठ अपना रूप ले लेगा।
वर्तमान में इस अनुसंधान केंद्र को प्रारंभ किया जा चुका है 100 बिस्तर के अस्पताल के रूप में यह अपनी सेवाएं निरंतर दे रहा है