यह लगाया है आरोप
दरअसल, छतरपुर की चंदला विधानसभा सीट से सत्ताधारी दल के बीजेपी विधायक राजेश प्रजापति ने एक बार फिर छतरपुर कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने खुद को कलेक्टर से जान का खतरा बताया है। उनका कहना है कि बीती शाम कलेक्टर द्वारा उनसे मिलने का समय देने के बाद भी उनसे कलेक्टर नहीं मिले थे। जिससे उन्हे कलेक्टर के बंगले के बाहर धरने पर बैठना पडा था, बाद में पांच घंटे के बाद कलेक्टर बंगले से बाहर आए। उनका बात करने का जो तरीका था वह गलत था।
बीजेपी विधायक ने कहा कि उन्हें डर है कि कही कलेक्टर उन्हे झूठे मामले मे फंसा न दें, उनका आरोप है कि हो सकता कलेक्टर किसी को भी सुपारी देकर उन्हे मरवा भी सकते है। बीजेपी विधायक ने कलेक्टर द्वारा प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने पर विधानसभा अवमानना समिति ले जाकर कलेक्टर की शिकायत करने की बात भी कही है। वहीं बीजेपी विधायक के इस आरोप के बाद जिले की राजनीति गरमा गई है क्योंकि सत्ताधारी दल के विधायक ने जिले के कलेक्टर पर बड़ा आरोप लगाया है।
कल धरने पर बैठे थे बीजेपी विधायक
कल चंदला विधायक राजेश प्रजापति कलेक्टर से मुलाकात करने पहुंचे थे, लेकिन कलेक्टर से उनकी मुलाकात नहीं हो पाई। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि वह 5 बजे से लगातार कलेक्टर शीलेंद्र सिंह से मुलाकात करने का प्रयास कर रहे हैं। वह शाम 5 बजे कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे थे लेकिन मुख्यमंत्री की जिले के अधिकारियों के साथ बैठक थी, जिसके चलते कहा गया कि वह मीटिंग के बाद उनसे मिलते हैं। विधायक का आरोप है कि मीटिंग खत्म होने के बाद कलेक्टर बिना मुलाकात किए बंगले के लिए निकल गए। इसके बाद विधायक मुलाकात के लिए कलेक्टर के बंगले पर पहुंचे तो वहां गार्ड ने कहा कि कलेक्टर साहब बंगले में नहीं हैं। विधायक का आरोप है कि उसी समय छतरपुर के आरटीओ बंगले से बाहर निकले तो उन्होंने बताया कि कलेक्टर अंदर ही हैं। इस बात से विधायक नाराज हो गए और गुस्से में कलेक्टर के बंगले के बाहर ही अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए।
'दलित होने के चलते हो रही उपेक्षा'
भाजपा विधायक राजेश प्रजापति ने आरोप लगाते हुए कहा है कि मैं दलित विधायक हूं, शायद इसलिए अधिकारी मेरी उपेक्षा कर रहे हैं। भाजपा विधायक ने बताया कि उनकी बात भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से भी हुई है और मैंने उन्हें पूरी बात बताई है। उन्होंने कलेक्टर से बात करने की बात कही है. विधायक का कहना है कि वह जनकल्याणकारी योजनाओं के संबंध में कलेक्टर से बात करना चाहते हैं। बहरहाल अपनी ही सरकार में भाजपा विधायक का धरना देना कई सवाल खड़े कर रहा है।