हरियाणा में एक बार फिर से मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उनके कैबिनेट सहयोगी अनिल विज आमने सामने दिखाई दे रहे हैं। दरअसल, मंगलवार को हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ। इस विस्तार के साथ ही भाजपा में तनातनी हो गई है। दावा किया जा रहा है कि मुख्यमंत्री खट्टर ने अनिल विज से गृह विभाग या फिर स्वास्थ्य विभाग मांगा है जबकि अनिल विज यह देने को तैयार नहीं हैं। यही कारण है कि अनिल विज फिलहाल नाराज हैं और इसी कारण से उन्होंने मंत्रिमंडल विस्तार कार्यक्रम का भी बहिष्कार किया। आपको बता दें कि मंगलवार को हुए कैबिनेट विस्तार में जजपा के देवेंद्र सिंह बबली और भाजपा के डॉ कमल गुप्ता ने मंत्री पद की शपथ ली थी। देवेंद्र बबली को विकास एवं पंचायत विभाग का मंत्रालय मिल गया है जबकि डॉ कमल के विभागों पर फैसला नहीं हो पाया है।
अनिल विज के पास फिलहाल गृह एवं शहरी निकाय स्वास्थ्य विभाग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग जैसे मंत्रालय हैं। दावा किया जा रहा है कि कमल गुप्ता को गृह या फिर स्वास्थ्य मंत्रालय की जिम्मेदारी दी जा सकती है और यही कारण है कि फिलहाल अनिल विज अपना मंत्रालय छोड़ने को तैयार नहीं है। मामला अब दिल्ली दरबार में पहुंच चुका है। खुद मामला गृह मंत्री अमित शाह के कानों तक भी पहुंच चुका है। अनिल विज ने भी साफ कर दिया है कि पिछले ढाई सालों से मनोहर लाल और उनकी टीम लगातार गृह विभाग में उनको काम करने नहीं दे रही है और इस मंत्रालय को छोड़ने के लिए उन पर दबाव बना रही है।
अनिल विज ने यह भी कह दिया है कि अगर गृह विभाग या अन्य विभाग उनसे वापस लिया जाता है तो वह सभी विभागों से अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री को सौंपने को तैयार हैं। जाहिर सी बात है कि मामला आगे बड़ा भी हो सकता है। 2019 चुनाव के बाद एक बार फिर से मनोहर लाल खट्टर और अनिल विज के बीच विवाद की खबरें आई थी। हालांकि तब गृह मंत्री अमित शाह के हस्तक्षेप के बाद इसे शांत किया गया था। दूसरी ओर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ ने दावा किया है कि पार्टी में फिलहाल कोई नाराजगी नहीं है और आगे भी हम सब मिलकर काम करते रहेंगे।