जबलपुर। यहां शनिवार को कोरोना से पहली मौत हुई। शनिवार को मिली रिपोर्ट में 152 नए संक्रमित भी मिले हैं। करीब 7 महीने बाद 100 से ज्यादा मरीज मिले हैं। यहां एक्टिव केस 480 हो चुके हैं। जनवरी के पहले 8 दिनों में 458 संक्रमित मिल चुके हैं। दिसंबर में 48 केस थे। करीब 10 गुना से ज्यादा मरीज आठ दिन में मिले हैं। यहां 87 साल के बुजुर्ग की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। उन्हें मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वे प्रोटेस्ट कैंसर से भी पीड़ित थे। राइट टाउन स्थित हॉस्पिटल में उनका इलाज किया जा रहा था। यहां कोरोना टेस्ट करवाया, जिसमें संक्रमित निकले। इससे पहले दो संदिग्ध लोगों की मौत हो गई थी। इनकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी।
हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा
मध्यप्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण पर जबलपुर हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि तीसरी लहर से निपटने की क्या तैयारी है? चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और पीके कौरव की डबल बेंच ने राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी। कोविड इलाज में हो रही अनियमितता और निजी अस्पतालों की मनमानी के मामले में हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका के तौर पर सुनवाई शुरू की है।
केस बढ़ रहे, तैयारियां पूरी
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा है कि कोरोना से निपटने के लिए सभी तैयारी कर ली गई हैं। ऑक्सीजन का प्रबंध हर स्तर पर कर लिया गया है। एक महीने की दवाई प्रिक्योर कर ली हैं। कोरोना के केस बढ़ रहे हैं, लेकिन अच्छी बात यह है कि वैक्सीनेशन का असर दिख रहा है। अधिकतर केस एसिम्प्टोमैटिक हैं।
प्रदेश में ESMA लागू:
डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्यकर्मी काम करने से इनकार नहीं कर सकेंगे
प्रदेश में बढ़ते कोरोना को देखते हुए सरकार ने ESMA (इसेंशियल सर्विसेस मेंटेनेंस एक्ट) लागू कर दिया है। इसका गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। इसके तहत डॉक्टर, नर्स समेत स्वास्थ्य से जुड़े कर्मी काम करने से इनकार नहीं कर सकते हैं।
प्रदेश में बढ़ते कोरोना को देखते हुए सरकार ने ESMA (इसेंशियल सर्विसेस मेंटेनेंस एक्ट) लागू कर दिया है। इसका गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। इसके तहत डॉक्टर, नर्स समेत स्वास्थ्य से जुड़े कर्मी काम करने से इनकार नहीं कर सकते हैं।