पश्चिम विधानसभा के 6 वार्डो में 4 करोड़ की लागत से होंगे विकास कार्य - Khabri Guru

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पश्चिम विधानसभा के 6 वार्डो में 4 करोड़ की लागत से होंगे विकास कार्य


लोक निर्माण मंत्री ने पश्चिम विधानसभा के सात वार्डो में आयोजित चौपाल में जनसंवाद कर 
जनता की समस्याओ हेतु अधिकारियों को किया निर्देशित

जबलपुर। चुनाव के दौरान आपके क्षेत्र की जिन समस्याओं को आपने बताया था उन्हे पूरा करने मैं आपके बीच आया हूं और विश्वास दिलाता हूं कि पश्चिम क्षेत्र की जनता की हर समस्या का समाधान होगा, यह बात लोक निर्माण मंत्री एवं पश्चिम क्षेत्र के विधायक राकेश सिंह ने वार्डो में आयोजित चौपाल के दौरान जनता को संबोधित करते हुए कही। इस तारतमय में श्री सिंह ने बल्लभ भाई पटेल, त्रिपुरी, बाबूराव परांजपे, शंकरशाह, गिरिराज किशोर कपूर एवं ग्वारीघाट वार्ड में आयोजित चौपाल में पहुंचकर जनता से संवाद किया और विकास कार्य हेतु 4 करोड़ की लागत से कार्य स्वीकृति हेतु अधिकारियों को निर्देशित किया।

श्री सिंह ने जनता से संवाद करते हुए कहा हमारी सरकार ने हर वर्ग की उन्नति और क्षेत्र के विकास का जो संकल्प लिया है उसे पूरा करने का कार्य हम कर रहे है साथ ही सरकार ने जन कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से गरीब, पिछड़े, महिलाओं, युवाओं सभी के उत्थान का कार्य किया है और मेरा प्रयास होगा कि शासन की हर योजना का लाभ हर वांछित जन को मिल सके।

इस अवसर पर महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू, पंकज मिश्रा, राममूर्ति मिश्रा, रजनीश यादव, अभय सिंह ठाकुर, कौशल सूरी, शैलेंद्र विश्वकर्मा, सुषमा जैन, राजकुमार पटेल सुनील पूरी, जीतू कटारे, मालती चौधरी, शारदा कुशवाहा, हृदेश राजपूत, संजय नाहातकर, राजेंद्र सूर्यवंशी, शिवा चौधरी, रूपा राव, पूनम प्रसाद, दीपक यादव, सुरेश पांडे के साथ अधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे।

कांग्रेसियों पर ली चुटकी...

पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में आयोजित कार्यक्रम के दौरान जब मीडिया पर्सन्स ने मंत्री राकेश सिंह से महापौर के भाजपा प्रवेश का कांग्रेसियों द्वारा किए जा रहे विरोध के संबंध में सवाल पूछा तो उन्होंने भी जमकर चुटकी ली। मंत्री सिंह ने कहा कि महापौर ने कांगे्रस की रीति-नीतियों से नाराज होकर भाजपा की सदस्यता ली है। कांग्रेस आज एक डूबती हुई नाव है तो स्वभाविक है कि उस डूबती हुई नाव में बाकी लोग भी नहीं बैठना चाह रहे हैं। जो लोग अभी भी उसमें बैठे हैं, वे भी उससे बाहर जाना चाह रहे हैं। जो भी इस डूबती नैया से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं तो उनके भीतर की कसमसाहट नाराजगी के तौर पर सामने आ रही है।

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