फाइल फोटो |
जबलपुर। (खबरी गुरु डेस्क)
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने की अटकलों के बीच मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने शनिवार को अचानक अपना छिंदवाड़ा दौरा रद्द कर दिया। वह शनिवार को नई दिल्ली पहुंचे। यह पूछे जाने पर कि क्या वह बीजेपी में शामिल हो रहे हैं, मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता कमल नाथ ने कहा कि आप सभी उत्साहित क्यों हो रहे हैं? यह इनकार करने के बारे में नहीं है। अगर ऐसा कुछ है तो मैं आप सभी को सूचित करूंगा। गौरतलब है कि आज सुबह से ही मध्यप्रदेश की राजनीतिक क्षेत्र में कमलनाथ को लेकर अटकलों का दौर चल रहा है। चर्चा है कि कमलनाथ अपनी मातृसंस्था कांग्रेस को अलविदा कहकर समर्थक विधायकों सहित भाजपा का दामन थामने का निर्णय ले चुके हैं। वहीं यह भी चर्चा है कि कमलनाथ के पुत्र नकुलनाथ अपनी पत्नी सहित भाजपा की सदस्यता ले सकते हैं। बहरहाल नाथ परिवार के भाजपा में प्रवेश को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री तथा कांगे्रस दिग्गज कमलनाथ का अचानक दिल्ली जाना चर्चा का विषय बन गया है। सोशल मीडिया पर पूर्वान्ह से ही कई न्यूज चैनल व राजनीतिक जानकारों द्वारा इस तरह की खबर को वायरल किया जा रहा है। कहा है कि कमलनाथ एक-दो दिन में भाजपा का फूल अपने हाथों में थाम सकते हैं। कांगे्रस द्वारा विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद से ही कमलनाथ को हाशिये पर डाल दिया गया था। जिसके चलते वे अपने बेटे के उज्ज्वल भविष्य के भाजपा की ओर रुख कर रहे हैं। चर्चा तो यह भी है कि कमलनाथ अपनी उम्र को देखते हुए भले ही पार्टी न बदलें लेकिन वे शतरंज के माहिर खिलाड़ी की तरह अपने बेटे और बहू को भाजपा से जोड़ सकते हैं। कहा जा रहा है कि इस बार छिंदवाड़ा से नकुलनाथ या उनकी पत्नी भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। गौरतलब है कि चर्चा शुरु होने के बाद से जब भी कमलनाथ से भाजपा में जाने संबंधी सवाल पूछा गया तो उन्होंने हमेशा ही गोलमोल जवाब दिया।
वीडी ने कहा वेलकम, दिग्गी ने कहा झूठ है
कमलनाथ के भाजपा में प्रवेश को लेकर गत दिवस भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने कहा कि यदि वे या नकुलनाथ भाजपा में आते हैं तो उनके लिए पार्टी के दरवाजे खुले हुए हैं। वहीं जबलपुर प्रवास के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इससे जु़ड़े सवाल पर कहा कि मीडिया को तो ब्रेकिंग सनसनीखेज न्यूज चाहिए तो वे कुछ भी शिगूफे छोड़ते हैं। उन्होंने कहा कि जब सारे विपक्षी नेता इंदिरा जी को जेल भेजने में जुटी थी उस वक्त भी कमलनाथ ने गांधी परिवार का साथ नहीं छो़ड़ा था। अब उनसे पार्टी या सोनिया गांधी के परिवार को छोड़ने की उम्मीद कैसे की जा सकती है।
नाराजगी की वजहें भी तो हैं
कमलनाथ की कांगे्रस से नाराजगी की कई वजहें बताई जा रही हैं। विधानसभा चुनाव में कांगे्रस की करारी हार का ठीकरा भी उन्हीं के सिर पर फोड़ा गया और बाद में उनको हटाकर जीतू पटवारी की प्रदेश अध्यक्ष पद पर ताजपोशी से भी वे नाराज चल रहे थे। यही कारण था कि जीतू के प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी सम्लाने के जश्न में कमलनाथ शामिल नहीं हुए थे। इसके अलावा उन्हें उम्मीद थी कि पार्टी उन्हें राज्यसभा चुनाव में मप्र से उम्मीदवार बना सकती है लेकिन ऐन वक्त पर ग्वालिय के अशोक सिंह के नाम की घोषणा होने से उनके मंसूबों पर पानी फिर गया। इसके बाद से ही उनकी भाजपा नेताओं से मुलाकातें बढ़ गईं और अटकलों का बाजार गर्म होता गया। ऐसे हालात में यदि कांगे्रस कांगे्रस को छोड़कर भाजपा में जाते हैं तो यह पार्टी के लिए लोकसभा चुनाव के पहले बड़ा झटका साबित होगा।